देवी काली

1. काली : दश महाविद्याओं में काली प्रथम है। महा भागवत के अनुसार महाकाली ही मुखय हैं। उन्हीं के उग्र और सौम्य दो रूपों में अनेक रूप धारण करने वाली दश महाविद्याएं हैं। कलियुग में कल्प वृक्ष के समान शीघ्र फलदायी एवं साधक की समस्त मनोकामनाएं पूर्ण करने में सहायक हैं। शक्ति साधना के दो पीठों में काली की उपासना श्यामापीठ पर करने योग्य है। वैसे तो किसी भी रूप में उन महामाया की उपासना फल देने वाली है परंतु सिद्धि के लिए उनकी उपासना वीरभाव से की जाती है।



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